भारतीय खानपान में तिल का बहुत महत्त्व है। सर्दियों के मौसम में तिल खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और शरीर सक्रिय रहता है। तिल में कई प्रकार के प्रोटीन, कैल्शियम, बी काम्लेंक्स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्व पाये जाते हैं। तिल का सेवन करने से तनाव दूर होता है और मानसिक दुर्बलता नही होती। इसके अलावा प्राचीन समय से खूबसूरती बनाये रखने के लिए भी तिल का प्रयोग किया जाता रहा है। तिल तीन प्रकार के होते हैं - काले, सफेद और लाल। लाल तिल का प्रयोग कम किया जाता है। तिल का तेल भी बहुत फायदेमंद होता है।
🌻 मानसिक दुर्बलता दूर करें 🌻
तिल के तेल को बुद्धिवर्धक भी कहा जाता है। तिल में प्रोटीन, कैल्शियम और बी कॉम्प्लेक्स बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। प्रतिदिन लगभग पचास ग्राम तिल खाने से कैल्शियम की आवश्यकता पूरी होती है। तिल के सेवन से मानसिक दुर्बलता एवं तनाव दूर होता है।
🌻 हृहय की मांसपेशियों के लिए 🌻
तिल में कई तरह के लवण जैसे कैल्शिायम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम होते हैं जो हृदय की मांसपेशियों को सक्रिय रूप से काम करने में मदद करते हैं.
🌻 हड्डियों की मजबूती के लिए 🌻
तिल में डाइट्री प्रोटीन और एमिनो एसिड होता है जो बच्चों की हड्डियों के विकास को बढ़ावा देता है. इसके अलावा यह मांस-पेशियों के लिए भी बहुत फायदेमंद है.
🌻 त्वचा के लिए 🌻
तिल का तेल त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. इसकी मदद से त्वचा को जरूरी पोषण मिलता है और इसमें नमी बरकरार रहती है.
🌻 कब्ज 🌻
कब्ज के लिए तिल फायदा करती है। कब्ज होने पर 50 ग्राम तिल भूनकर उसे कूब्टप लीजिए, इसमें चीनी मिलाकर खाइए। इससे कब्ज् दूर हो जाती है।
🌻 खांसी 🌻
खांसी आने पर तिल का सेवन कीजिए खांसी ठीक हो जाएगी। तिल व मिश्री को पानी में उबाल कर पीने से सूखी खांसी भी दूर हो जाती है
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