स्वतन्त्रता के पूर्व क्रान्तिकारी वन्देमातरम् गाकर भारतमाता की वन्दना करते थे और
वन्देमातरम् का नारा लगाया करते थे। वन्देमातरम् क्रान्ति का प्रतीक बन गया था। ब्रिटिश शासन वन्देमातरम् से इतना भयभीत हो गई थी कि इस पर बैन लगा दिया और अनेक लोगों को वन्देमातरम्
गाने और नारा लगाने के अपराध में सजा देकर
जेलों में डाल दिया था।
यह गीत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सन्
1896 के अधिवेशन में पहली बार राजनैतिक
रूप से गाया गया था और तभी से इसे कांग्रेस ने राष्ट्रगान के रूप में मान लिया था स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् यही निश्चय किया गया था कि वन्देमातरम
को ही राष्ट्रगान (National Anthem)
बनाया जाये किन्तु बताया जाता है कि उस समय भी कुछ मुसलमानों के विरोधस्वरूप और कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति के कारण वन्देमातरम्
को अस्वीकार करके जनगणमन को राष्ट्रगान बना दिया गया।
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Friday, 18 October 2013
♠ “वन्दे मातरम्” – महत्वपूर्ण तथ्य ♠
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