🚀 हेलिकॉप्टर, एयरशिप या कुछ और !! 🚀
302 फीट लंबा एयरलैंडर 10 आंशिक रूप से विमान है, आंशिक रूप से हेलिकॉप्टर तो कुछ कुछ एयरशिप भी. यह 17 अगस्त को ब्रिटिश शहर बेडफोर्डशर के कार्डिंगटन एयरफील्ड के ऊपर पहली बार उड़ता हुआ दिखा.
🚀 उत्साह भरा स्वागत 🚀
फोटोग्राफर और उत्सुक जनता इस विशाल गोलाकार विमान को देखने जुटी और उड़ान पर तालियां भी बजाईं. इसे वर्तमान रूप में लाने के पीछे हाइब्रिड एयर वैहेकिल (एचएवी) की दो साल की मेहनत लगी है. इस दौरान विमान के पुराने स्वरूप में सैकड़ों बदलाव लाए गए हैं.
🚀 कायाकल्प 🚀
एयरलैंडर 10 को पहले अमेरिकी सरकार के लिए विकसित किया गया था. यह लंबे समय तक चलने वाला निगरानी विमान होता. लेकिन फिर अमेरिकी ऑर्डर को रद्द किए जाने के कारण इसके विकास में दिक्कतें आईं. बाद में एक ब्रिटिश कंपनी ने इसे विकसित कराने का अभियान चलाया और यूके में इसका कायाकल्प हुआ.
🚀 तमाम खूबियां 🚀
इसकी क्षमता को एक बहुत बड़े हेलिकॉप्टर जैसा समझना चाहिए. यह यात्रियों और सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकता है, और इसे उड़ान भरने या उतरने के लिए किसी रनवे की भी जरूरत नहीं. लंबी दूरी के लिए इस्तेमाल किया जाए तो यह सस्ता भी होगा और पर्यावरण के लिए अच्छा भी.
🚀 ब्रिटिश इनोवेशन की मिसाल 🚀
एयरलैंडर 10 ने हवा में करीब आधे घंटे तक उड़ने के बाद लैंडिंग की. आज मौजूद दुनिया के सबसे बड़े यात्री विमान से भी यह 50 फीट लंबा है. यह हीलियम गैस से उड़ान भरता है और करीब 92 मील प्रति घंटा की स्पीड पकड़ सकता है. टेस्टिंग सफल रही तो यह पांच घंटे तक लगातार हवा में उड़ सकेगा.
🚀 जेपलिन जैसा भाग्य? 🚀
सन 1900 में जर्मनी में भी एयरलैंडर 10 से मिलते जुलते आकार वाले जेपलिन विमान (तस्वीर में) का विकास हुआ था. लेकिन खराब मौसम में ना उड़ पाने और बार बार हवा में जल जाने के कारण 1940 में इसे रोक दिया गया. अब तक हीलियम से उड़ने वाले जेपलिन की कमियों को दूर करने का कोई उपाय नहीं मिला है.
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