पानी में जमीन से ऊपर तैरता पत्थर तो आपने कहीं न कहीं देखा और सुना होगा। लेकिन कभी हवा में तैरता पत्थर नहीं देखा होगा। आज हम आपको बताएंगे ए क ऐसी जगह के बारे में जहां एक छोटे से पत्थर को 11 उंगलियों की सहायता से हवा में उठाया जाता है। महाराष्ट्र के छोटे से कस्बे में आप देख सकते हैं, ऐसा ही नमूना। जहां सालों से हवा में पत्थर झूलता रहा है।
आस्था में विश्वास रखने वाले लोगों के लिए खेड़ शिवपुर कस्बा अद्वितीय हो सकता है। पुणे से महज़ 25 किमी दूरी पर बसे शिवपुर में कमर अली दरवेश बाबा की एक मजार है । मजार में ही वह एक पत्थर है, जिसकी चर्चा सालों से दुनियाभर में हो रही है। इसलिए, यह कस्बा आज महाराष्ट्र में मुस्लिम ही नहीं अन्य धर्म के लोगों के लिए भी अजूबा बन चुका है। कहा जाता है कि 800 साल पहले यहां आए हज़रत कमर अली बडे़ ही सज्जन पुरुष थे। गरीबों की सेवा करना उनका परम कर्तव्य था । वह यहीं बस गए । जब उनकी मृत्यु हुर्इ तो लोगों ने उनकी कब्र पर ही एक मजार बनवार्इ। दो वे पत्थर भी यहां रखे गए, जिनका प्रयोग अली करते थे। मजार के अनुयायियों के मुताबिक अली आज भी इन पत्थरों में प्रविष्ट हैं । यही कारण है कि ये शक्ति से भरपूर हैं ।
विशेष बातें
– अली का नाम लेने के बाद ही पत्थर को हिला सकते हैं।
– लोग 11 से कम या ज्यादा हुए तो नहीं उठेगा।
– नमाजिए उठा चुके हैं 10 फीट तक।
– महिलाएं यहां नहीं आ सकती हैं।
हजरत कमर अली दुर्वेश (विस्तार से)
माना जाता है कि कमर अली दरवेश की दरगाह की शक्ति ही कुछ ऐसी है यहां एक साथ 11 लोग मिलकर अपनी तर्जनी अंगुली से 90 किलो का भारी पत्थर कई फीट ऊपर उठाकर उछाल देते हैं। हालांकि इस चमत्कारिक कमाल के पीछे लोग बाबा कमर अली दरवेश की शक्ति और आशीर्वाद मानते हैं। खास बात यह है कि यह चमत्कार बाबा की मजार के आस-पास यानी सिर्फ दरगाह क्षेत्र में और सिर्फ 11 लोगों के एकसाथ प्रयास करने पर ही संभव है। कहते हैं कि अगर 11 व्यक्ति से कम या एक भी ज्यादा व्यक्ति पत्थर उठाने का प्रयास करते हैं तो यह कारनामा नहीं हो पाता।
शिवपुर के हजरत कमर अली को लोग काफी श्रद्धा से सम्मान देते हैं। कहा जाता है कि शिवपुर में आज से 800 वर्ष पहले हजरत कमर अली आए और यहीं बस गए। उनकी मृत्यु के बाद गांव में उनकी कब्र पर इस मजार का निर्माण कर दिया गया। कहा जाता है कि तभी से बाबा की शक्ति इस दरगाह में निवास करती है। इस पत्थर को अपनी ऊँगली पर उठाने वाले मानते है कि उन्हें बाबा का आशीर्वाद मिल गया है और वह बड़ी से बड़ी विप्पति से आसानी से निपट सकते है। हर साल इस दरगाह पर एक बड़े उर्स का आयोज़न किया जाता है उस दौरान कई लाख लोग बाबा की इस दरगाह पर जियारत के लिए आते है। यहां हर धर्म और जाती के लोग आते है। सबसे अहम बात यह है कि, दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर रोक है।
♥ આ બ્લોગમાં વર્તમાનપત્રો, મેગેઝિનો, વિકીપીડીયા,GK ની વેબસાઇટો, વગેરે માધ્યમોનો સંદર્ભ તરીકે ઉપયોગ કરવામા આવેલ છે જે માટે સૌનો હ્રદયપૂર્વક આભાર વ્યક્ત કરુ છુ.બ્લોગથી મને લેશમાત્ર આવક નથી.જેની નોંધ લેશો. ♥
Sunday, 10 April 2016
♥ पुणे के पास है यह पत्थर, ग्यारह उंगलियोँ के सहारे ऊँचा उठाया जा सकता है ♥
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.