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Tuesday 26 January 2016

♥ कुंतीपुत्र भीम के पास हजारों हाथियों का बल कैसे आया था? ♥

वर्तमान में यह सवाल काफी रोचक और रहस्यमयी प्रतीत होता है। लेकिन सच्चाई यही है कि भीम के पास हजारों हाथियों का बल था। इस बात का प्रमाण हमें महाभारत में मिलता है। दरअसल हजारों हाथियों का बल भीम को आर्यक नाग ने दिया था जोकि उनके नानाजी के नानाजी थे।

भीम के पिता का नाम पांडु और माता का नाम कुंती था। उनके बड़े भाई धर्मराज युधिष्ठिर, अर्जुन, नकुल और सहदेव थे। भीम में हजार हाथियों का बल था। महाभारत के अनुसार जब पांडवों का जन्म हुआ, उसके कुछ दिन बाद पांडु का निधन हो गया। उस समय पांडु अपनी पत्नी कुंती और माद्री के साथ वन में रहते थे।

पांडु की मृत्यु का समाचार जब उनके भाई धृतराष्ट्र को पता चला तो उन्होंने कुंती, माद्री और उनके पांचों पुत्रों को हस्तिनापुर आने का आमंत्रण भेजा। सभी हस्तिनापुर में रहने लगे। धृतराष्ट्र के 99 पुत्र और एक पुत्री थीं, और पांडव सिर्फ पांच थे।

धृतराष्ट्र का बड़ा पुत्र था दुर्योधन बचपन से ही उसे पांडवों के प्रति मन में दुर्भावना रखता था।

एक समय की बात है दुर्योधन और पांडव सभी गंगा तट पर खेल रहे थे। खेलने के बाद भोजन के लिए आमंत्रित हुए, वहां दुर्योधन ने भीम के भोजन में विष मिला दिया। भीम भोजन करने के तुरंत बाद अचेत हो गए। तब दुर्योधन ने अपने भाई दुःशासन की मदद से दुर्योधन को गंगा में डुबो दिया।

भीम के अन्य भाई इस बात से अनविज्ञ थे। भीम गंगा में डूबते गए और नागलोक में पहुंच गए। नागलोक में सांपों ने भीम को डसा तो भीम के शरीर में मौजूद विष का असर कम हो गया। सांप भीम को मारना चाहते थे लेकिन भीम जिंदा हो गए।

सभी सांप, नागराज वासुकि के पास पहुंचे और उन्हें सारी बात से अवगत कराया। वासुकि भीम के पास पहुंचे। उनके साथ आर्यक नाग भी था। दरअसल आर्यक नाग, भीम के नानाजी के नानाजी थे। उन्होंने भीम को अपना परिचय दिया। उन्होंने भीम को विशेष रस दिया जिसमें हजारों हाथियों का बल था। भीम ने वह पी लिया। और एक दिव्य शय्या पर आराम करने लगे।

उधर जब खेल के बाद सभी राजकुमार हस्तिनापुर पहुंचे तो उनमें भीम नहीं थे। विदुर चिंतित हो गए उन्होंने भीम की खोज करनी शुरू कर दिया। उन्हें मालूम नहीं था कि भीम तो नागलोक में दिव्य शय्या पर आराम कर रहे हैं।

जब नागलोक में मौजूद भीम का आठवें दिन सारा रस पच गया तब नागों ने भीम को गंगा किनारे छोड दिया। और इस तरह भीम हस्तिनापुर सकुशल पहुंचे लेकिन उनमें हमेशा के लिए मौजूद था हजारों हाथियों का बल। हस्तिनापुर पहुंचने के बाद भीन ने दुर्योधन द्वारा विष और नागों द्वारा उन्हें हजार हाथियों के बल की बात बताई। लेकिन पांडवों ने इसे गुप्त ही रखा।


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