★🏻क्या है 'नोटा':-
इस बार ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में 'नन ऑफ द अबव' यानी 'नोटा' का विकल्प भी दिया गया है। अगर भ्रष्ट या नकारा होने के कारण वोटर किसी प्रत्याशी को वोट नहीं देना चाहता, तो वह 'नोटा' का बटन दबा सकता है।
★ पहचान भी नहीं होगी जाहिर :-
2013 में 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव से पहले अगर कोई वोटर किसी उम्मीदवार को अपना वोट नहीं देना चाहता था, तो उसे अलग से एक फॉर्म भरना होता था और अपनी पहचान बतानी होती थी। वहीं, अब ईवीएम में 'नोटा' विकल्प होने से पहचान भी जाहिर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
★ पहली बार कब आया 'नोटा' :-
» 2013 में 11 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार 'नन ऑफ द अबव' यानी 'नोटा' का विकल्प रखा गया। पहली बार मतदाताओं ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में 'नोटा' का विकल्प देखा था।
🎯"NOTA"Information 🎲
♦ 'नोटा' के कुछ फैक्ट्स ♦
» 27 सितंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 'नोटा' उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।
» 2009 में ही चुनाव आयोग ने कोर्ट के सामने 'नोटा' सुविधा मुहैया कराने की इच्छा जताई थी।
» ये फैसला राजनीति से करप्शन खत्म करने के मद्देनजर लिया गया है।
» ऐसा माना गया कि इससे सियासी दलें साफ-सुथरी छवि वाले उम्मीदवारों को ही टिकट देंगे।
» 'नोटा' के रूप में जो वोट रजिस्टर्ड होंगे, उनकी गिनती की जाएगी होगी।
» इसलिए 'नोटा' चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करेगा।
♦ दुनिया में कहां-कहां 'नोटा' ♦
♥ भारत में भले ही 'नोटा' विकल्प का इस्तेमाल दूसरी बार होने वाला है। लेकिन, दुनिया के कई देशों में इसका इस्तेमाल हो रहा है। कोलंबिया, यूक्रेन, ब्राजील, बांग्लादेश, फिनलैंड, स्पेन, स्वीडन, चिली, फ्रांस, बेल्जियम, यूनान ऐसे देश हैं, जहां 'नोटा' प्रचलित है। रूस में 'नोटा' 2006 में वोटर्स को उपलब्ध कराया गया था।
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