हिंदू धर्म में सूर्य को देवता के तौर पर पूजा जाता है साथ ही प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पण करने की प्रथा भी प्रचलित है । ऐसे समाज में जहां हम संस्कारों, विश्वासों और मान्यताओं को मानते हैं वहीं यह जानना जरूरी है कि सूर्य को जल चढ़ाना वाकई में लाभप्रद है या ये सिर्फ एक मान्यता है, आइए जानते है इससे जुड़ी ये खास बात - जब हम दोनों हाथों से सूर्य की ओर ऊपर करके कलश से जल प्रवाहित करते हैं तो कलश से बहुत हल्की धार नीचे आती है और हम सूर्य की तेज किरणों के कारण उसकी तरफ देख भी नहीं सकते हैं । जब कि हमारे पूर्वज प्रातः काल की बेला में जब सूर्य उदय होता है तो बड़े किनारों वाले बर्तन से सूर्य को जल चढ़ाते थे । जब वे सूर्य की ओर जल चढ़ाते थे तो गिरते हुए पानी में सूर्य की परछाई दिखाई देती थी जिससे हमारे पूर्वज और साधू संत सूर्य के दर्शन कर लिया करते थे | इससे सूर्य की किरणें बहते पानी से छन कर आती थी जो कि ना केवल आंखों के लिए अच्छा होता है बल्कि इससे हमारे पूर्वजों के शरीर और आत्मा में नई ऊर्जा का संचार भी होता था |
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