बेंगलुरू।
→ आपने आज तक एक से बढ़कर मंदिर देखा होगा, लेकिन कभी कुत्तों का मंदिर भी देखा है। जी हां,
कुत्तों का मंदिर यानि इस मंदिर में किसी देवी-देवता की नहीं बल्कि कुत्तों की मूर्तियां है। इतना ही नहीं बल्कि बड़े ही सम्मान के साथ बनाए गए इस मंदिर में रखी कुत्तों की इन मूर्तियों की पूजा भी होती है।
~★ डॉग गॉड नाम से है मंदिर ★~
कुत्तों की मूर्तियों वाला यह मंदिर कर्नाटक राज्य के रामनगर जिले के चन्नापटना गांव में हैं। इस मंदिर का निर्माण गांव वालों ने 2010 में किया था। इसके पीछे का उदेश्य मानव के हमेशा से ही वफादार रहे कुत्तों के प्रति सम्मान और लगाव बनाए रखने के चलते किया गया।
~★ कुत्तों की दो मूर्तियां रखी है ★~
डॉग गॉड मंदिर में कुत्तो की दो मूर्तियां रखी है। इनमें एक मूर्ति सफेद रंग की है औ दूसरी भूरे रंग की। इन दोनों मूर्तियों को मालाएं पहनाई जाती है तथा उनकी पूजा भी की जाती है। इसके इलावा इन मूर्तियों को पोशाक पहनाने और तिलक लगाने जैसे कार्य भी होते हैं। लोग इन मूर्तियों को दीपक और धूप जलाकर पूजते हैं।
→ आपने आज तक एक से बढ़कर मंदिर देखा होगा, लेकिन कभी कुत्तों का मंदिर भी देखा है। जी हां,
कुत्तों का मंदिर यानि इस मंदिर में किसी देवी-देवता की नहीं बल्कि कुत्तों की मूर्तियां है। इतना ही नहीं बल्कि बड़े ही सम्मान के साथ बनाए गए इस मंदिर में रखी कुत्तों की इन मूर्तियों की पूजा भी होती है।
~★ डॉग गॉड नाम से है मंदिर ★~
कुत्तों की मूर्तियों वाला यह मंदिर कर्नाटक राज्य के रामनगर जिले के चन्नापटना गांव में हैं। इस मंदिर का निर्माण गांव वालों ने 2010 में किया था। इसके पीछे का उदेश्य मानव के हमेशा से ही वफादार रहे कुत्तों के प्रति सम्मान और लगाव बनाए रखने के चलते किया गया।
~★ कुत्तों की दो मूर्तियां रखी है ★~
डॉग गॉड मंदिर में कुत्तो की दो मूर्तियां रखी है। इनमें एक मूर्ति सफेद रंग की है औ दूसरी भूरे रंग की। इन दोनों मूर्तियों को मालाएं पहनाई जाती है तथा उनकी पूजा भी की जाती है। इसके इलावा इन मूर्तियों को पोशाक पहनाने और तिलक लगाने जैसे कार्य भी होते हैं। लोग इन मूर्तियों को दीपक और धूप जलाकर पूजते हैं।
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