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Tuesday 13 September 2016

♥ संडे ही क्यों होता है छुट्टी का दिन ?? ♥

सप्ताह शुरू होते ही हमें रविवार का इन्तजार रहता है क्योंकि रविवार ही वो दिन होता है जिस दिन छुट्टी होती है ! हालाँकि ऐसा नही है की दुनिया के सारे देशों में रविवार को ही छुट्टी होती है लेकिन ज्यादातर देशों में रविवार को ही छुट्टी मनाई जाती है ! लेकिन क्या आपने कभी सोचा है सप्ताह के 7 दिनों में से सिर्फ रविवार को ही छुट्टी का दिन क्यों चुना गया ?


आइये आज आपको बताते हैं इसकी असली वजह क्या है जो रविवार को ही की जाती है छुट्टी !

दरअसल रविवार को छुट्टी होने के पीछे काफी संघर्ष की कहानी जुडी हुई है ! जैसा की आप सबको पता है हमें आजादी के लिए कितना संघर्ष करना पड़ा था वैसे ही हमें सप्ताह में एक दिन छुट्टी के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ा था !

दरअसल जब हमारे भारत वर्ष में ब्रिटिश सरकार का राज था तब हमारे मजदूरों को सप्ताह के सभी दिन काम करना होता था ! उस समय मजदूरों के नेता श्री नारायण मेघाजी लोखंडे हुआ करते थे उन्होंने अंग्रेजों के सामने ये पेशकश की थी की हमारे मजदूरों को सप्ताह के एक दिन छुट्टी मिलनी चाहिए जिससे वो अपने परिवार के साथ एक दिन आराम से बिता सकें और अपने जरुरी काम निपटा सकें !


रविवार को अंग्रेज चर्च जाते थे और रविवार हिन्दू देवता खंडोबा का भी दिन माना जाता है तो श्री नारायण मेघाजी लोखंडे ने मजदूरों की तरफ से रविवार को छुट्टी का दिन घोषित करने की प्रार्थना की लेकिन अंग्रेजों को ये मंजूर नहीं था और उन्होंने इस बात को नकार दिया !

करीब 7 सालों तक संघर्ष करने के बाद अंग्रेजों को हमारी बात माननी पड़ी और रविवार को हमेशा के लिए छुट्टी का दिन करार कर दिया गया !

वो शख्स नारायण मेघाजी लोखंडे जी ही हैं जिनकी वजह से हमें रविवार की छुट्टी और दोपहर में आधे घंटे की खाने की छुट्टी की सुविधा मिली !

भारत सरकार ने भी नारायण मेघाजी लोखंडे को सम्मान देते हुए 2005 में उनका एक डाक टिकट जारी किया !


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