આ બ્લોગમાં વર્તમાનપત્રો, મેગેઝિનો, વિકીપીડીયા,GK ની વેબસાઇટો, વગેરે માધ્યમોનો સંદર્ભ તરીકે ઉપયોગ કરવામા આવેલ છે જે માટે સૌનો હ્રદયપૂર્વક આભાર વ્યક્ત કરુ છુ.બ્લોગથી મને લેશમાત્ર આવક નથી.જેની નોંધ લેશો.

Thursday, 15 September 2016

♥ ATM MACHINE ♥

एक भारतीय था ATM MACHINE का आविष्कारक

एटीएम मशीन आज के दौर में हमारी जिंदगी का जरूरी हिस्सा बन गई है। चाहे आधी रात हो या सुबह आप जब चाहे जरुरत पड़ने पर एटीएम मशीन से पैसे निकाल सकते हैं। हमको इतनी सहूलियत देने वाली ये मशीन आखिर कहां से आई किसने किया इसका अविष्कार क्या आपने सोचा है। हम आपको बताते हैं कैसे हुई थी इस जादुई मशीन की शुरुआत।

पहली एटीएम मशीन 27 जून 1967 में लंदन के बार्कलेज बैंक ने लगाई थी। यह मशीन स्कॉटलैंड के जॉन शेफर्ड बैरन ने बनाई थी। वैसे आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि जॉन शेफर्ड जन्म 23 जून 1925 को भारत के मेघालय में हुआ था। उस समय उनके स्कॉटिश पिता विलफ्रिड बैरन चिटगांव पोर्ट कमिश्नरेट के चीफ इंजीनियर थे।

वैसे जॉन शेफर्ड बैरन को एटीएम मशीन का आइडिया कैसे आया ये कहानी भी काफी रोचक है। दरअसल जॉन एक बार पैसे निकालने बैंक गए, लेकिन उनके पहुंचते ही बैंक बंद हो गया। तब उनके दिमाग में ये आइडिया आया कि अगर कोई ऐसी मशीन हो जिससे हम जब चाहे तब पैसा निकाल लें तो कैसा होगा।

बस इसी घटना ने जॉन को एटीएम मशीन के निर्माण की प्रेरणा दी। लंदन में बारक्लेज बैंक की एक शाखा में दुनिया का पहला कैश देने वाला एटीएम लगा था। इस एटीएम को जॉन शेफर्ड बैरन ने विकसित किया था।

  
वैसे भारत में सबसे पहले 1987 में एटीएम सुविधा शुरू हुई थी। यह एटीएम हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एचएसबीसी) ने मुंबई में लगाया था।


No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.