सांप का नाम सुनते ही लोग दहशत से कांप उठते हैं। यह डर लाजमी है, क्योंकि भारत जैसे गर्म जलवायु वाले देश में हर साल सांप के डसने से हजारों लोगों की मौत हो जाती है। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि सांप के जहर से कई बार मौत नहीं होती, बल्कि उसकी दहशत से ही लोग प्राण त्याग देते हैं। इस कारण से लोग जहां भी सांप देखते हैं उसके बाद उसे मारकर ही दम लेते हैं। कुछ जहरीले प्रजाति के सांपों के खौफ के कारण बिना जहर वाले सांप भी मारे जाते हैं। सांप के प्रति हमारा यह व्यवहार, जानकारी की कमी और डर के कारण है। इन चार प्रजातियों के सांप ही होते हैं जहरीले...
हर सांप जहरीला नहीं होता भारत में करीब 270 प्रजाति के सांप पाए जाते हैं और इनमें से 4 प्रजाति के सांप ही जहरीले होते हैं और इनके काटने से लोगों की जान जाती है। ये सांप हैं- कोबरा (नाग), करैत, रसेल वाइपर और सॉव स्केल्ड वाइपर। ये चार प्रजाति के सांप ही डसने के अधिकतर मामलों के प्रति जिम्मेदार होते हैं। इनके अलावा किंग कोबरा, हम्प नोज्ड पिट वाइपर और बैंडेड करैत भी जहरीले सांप हैं, परंतु ये काफी कम संख्या में हैं और इनके कारण बहुत कम आदमी मारे जाते हैं। अमेरिकन सोसाइटी ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हायजिन के अनुसार, भारत में हर साल 46,000 लोग सांप के डसने से मर जाते हैं। वहीं, भारत के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार प्रतिवर्ष 2,000 लोग सांप के जहर से मारे जाते हैं। इसके साथ ही वर्ष भर में 2.5 लाख से ज्यादा लोगों को सांप काटने की बात सामने आती है।
क्यों डसता है सांप
सांप के पास जहर है और पैने नुकीले दांत हैं तो वह डसेगा ही यह सही नहीं है। हम सांप से जिनता डरते हैं उससे ज्यादा सांप हमसे डरते हैं और इसी कारण वे छिपे रहते हैं। सांप के दांत और जहर शिकार में सहायता और आत्मरक्षा के लिए होते हैं। भोजन की तलाश में निकला सांप शिकार के शरीर पर दांत गड़ा देता है और उसके शरीर में जहर डाल देता है। जहर के कारण शिकार कुछ दूर जाकर बेहोश हो जाता है और सांप अपने जहर को सूंघता हुआ उसके पास पहुंच जाता है। इसके अलावा सांप अपने जहर का इस्तेमाल दुश्मनों से खुद की रक्षा के लिए भी करता है। यही कारण है कि जब इंसानों से इनका सामना होता है तो उसे साक्षात मृत्यु नजर आती है और ये अपनी रक्षा के लिए अपने ताकतवर हथियार का इस्तेमाल कर देते हैं।
पर जानिए कौन हैं धरती के सबसे जहरीले सांप...
इनलैंड ताइपान
यह धरती पर पाए जाने वाले सांपों में सबसे जहरीला होता है। यह सांप अपने एक डंक में 110 मिलीग्राम जहर इंजेक्ट कर सकता है, जिससे 100 इंसान और 250,000 चूहे मर सकते हैं। इसका जहर रैट्ल स्नेक से दस गुणा और सामान्य कोबरा के जहर से 50 गुना ज्यादा खतरनाक होता है।
इस्टर्न ब्राउन स्नेक
ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला यह सांप बेहद जहरीला होता है। इसके जहर का 14 हजारवां भाग एक इंसान के मौत के लिए पर्याप्त होता है। यह आमतौर पर हिलते-डुलते चीज पर हमला करता है इसलिए इसका सामना होने पर अपने को स्थिर कर लेना चाहिए।
ब्लू करैत
यह सांप दक्षिण-पूर्व एशिया और इंडोनेशिया में पाया जाता है। इसका जहर कोबरा से 12 गुना ज्यादा खतरनाक होता है। इसका मुख्य शिकार दूसरे सांप होते हैं। यह सांप अपने से छोटे आकर के करैत को भी निगलने से परहेज नहीं करता।
ताइपान
ऑट्रेलिया में पाया जाने वाला या सांप अपने डंक के साथ शिकार के शरीर में इतना जहर छोड़ सकता है जिससे 12000 गिनी पिग की मौत हो जाए। रंग-रूप में यह अफ्रीका के ब्लैक माम्बा के समान होता है।
ब्लैक माम्बा
ब्लैक माम्बा का घर सांपों की टोकरी कहा जाने वाला अफ्रीका महादेश है। 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की तेज रफ्तार से सरकने की क्षमता वाला यह बेहद गुस्सैल सांप शिकार को लगातार कई बार डसता है। यह अपने एक डंक में इतना जहर शरीर में डाल देता है जिससे 10-25 वयस्कों की जान जा सकती है। इसके डसने पर आदमी 15 मिनट से लेकर 3 घंटे के अंदर मर जाता है।
टाइगर स्नेक
ऑट्रेलिया के इस सांप का जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है। सामान्यत: इसके शिकार को मौत तक पहुंचने में 6-24 घंटे लगते हैं, लेकिन कई जान बचाने के लिए सिर्फ 30 मिनट ही मिलते हैं।
फिलीपीन कोबरा
कोबरा की प्रजातियों में यह सबसे खतरनाक होता है। यह अपना विष तीन मीटर की दूरी से शिकार पर फेंक सकता है। इसका बेहद तेज न्यूरोटॉक्सिक जहर शिकार को 30 मिनट में मौत के घाट उतार सकता है।
वाइपर
वाइपर लगभग पूरी दुनिया में पाया जाता है। सॉव स्केल्ड वाइपर और चैन वाइपर बेहद जहरीले होते हैं। ये सांप मध्यपूर्व और मध्य एशिया विशेषकर भारत, चीन, और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है।
डेथ ऐडर
यह सांप ऑस्ट्रेलिया और न्यू गिनी में पाया जाता है। इसका मुख्य शिकार सांप ही होते हैं और यह उनके खिलाफ अपने जहर का इस्तेमाल करता है। इंसानों पर इसका हमला आत्मरक्षा के लिए होता है। यह बेहद तेज रफ्तार हमला करता है और बड़ी मात्रा में अपने जहर को शिकार के शरीर में उड़ेल देता है। इसका जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है, जिसके कारण तंत्रिका तंत्र कमजोर पड़ने लगता है, लकवे के लक्षण दिखने लगते हैं और इंसान 6 घंटे से कम समय में मौत के आगोस में चला जाता है।
रैट्ल स्नेक
अमेरिकी महाद्वीप में पाया जाने वाला यह सांप बेहद जहरीला होता है। बड़ी विष ग्रंथी और लंबे दांतों से यह जहर की बड़ी मात्रा शिकार के शरीर में पहुंचा देता है जो उसके लिए खतरनाक होता है। इसके पूंछ के अंतिम हिस्से में झुनझुने जैसी रचना होती है, जिसे बजाकर यह अपने करीब आने वाले को चेतावनी देता है और इसके बाद भी अगर कोई इसके करीब पहुंचता है तो उसपर यह हमला करने से नहीं चूकता।
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